बड़ा भया तो क्या भया

Bada Bhaya To Kya Bhaya

बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर ॥

भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं, कि जिस प्रकार खजूर का पेड़ बड़ा तो होता है लेकिन ना तो वो किसी को छाया दे पाता है और उसके फल भी बहुत ऊँचाई पर लगे होते है। उसी प्रकार अगर आप किसी का भला नहीं करते अर्थात अपने से उम्र में छोटो का सही मार्गदर्शन नहीं कर सकते तो आपके बड़े होने का कोई फायदा नहीं है। कबीर जी कहते है की यदि हममे वो अनुभव है कि हम अपने से उम्र में छोटे लोगों या कम उम्र वालों का मार्गदर्शन कर सकते है तो हमें यह जरूर करना चाहिए, क्योकि सिर्फ बड़े होने के प्रदर्शन करने से किसी का कोई फायदा नहीं ।

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