करता रहा सो क्यों किया hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe करता रहा सो क्यों किया, अब कर क्यों पछताय।बोए पेड़ बबूल का, आम कहाँ से खाय॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
लाली मेरे लाल की hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe लाली मेरे लाल की, जित देखूं तित लाल।लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
अब तो जान लिया hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe अब तो जान लिया, राम नाम है सार।तन छीजे मन उजियारा, यह कबीर विचार॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
कबीरा खड़ा बजार में hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe कबीरा खड़ा बजार में, लिए लुकाठी हाथ।जो घर फूंके आपना, चले हमारे साथ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
करता रहे सो होत है hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe करता रहे सो होत है, करता नहीं कुछ आप।कर का करवा कर लिया, कहे कबीर चित चाप॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
माटी कहे कुमार से hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे ।एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोंदुंगी तोहे ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
दुःख में सुमिरन सब करे hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय ।जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
चलती चक्की देख के hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोये ।दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोए ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
बड़ा भया तो क्या भया hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe बड़ा भया तो क्या भया, जैसे पेड़ खजूर ।पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
काल करे सो आज कर hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
यह तन विष की बेलरी hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।। Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
ऐसी वाणी बोलिए hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोये।औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।। Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
तिनका कबहुँ ना निन्दिये hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय |कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय || Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
जब मैं था तब हरि नहीं hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि है मैं नाहीं ।प्रेम गली अति सांकरी जामें दो न समाहीं ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
पढ़ी पढ़ी के पत्थर भया hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe पढ़ी पढ़ी के पत्थर भया लिख लिख भया जू ईंट ।कहें कबीरा प्रेम की लगी न एको छींट ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
जाति न पूछो साधू की hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe जाति न पूछो साधू की पूछ लीजिए ज्ञान । मोल करो तलवार को पडा रहन दो म्यान ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
साधु भूखा भाव का hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe साधु भूखा भाव का धन का भूखा नाहीं । धन का भूखा जो फिरै सो तो साधु नाहीं ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
पढ़े गुनै सीखै सुनै hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe पढ़े गुनै सीखै सुनै मिटी न संसै सूल। कहै कबीर कासों कहूं ये ही दुःख का मूल ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
प्रेम न बाडी उपजे hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe प्रेम न बाडी उपजे, प्रेम न हाट बिकाई । राजा परजा जेहि रुचे, सीस देहि ले जाई ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg
कबीर सोई पीर है hindi dohe, kabir das ke dohe, kabir ke dohe कबीर सोई पीर है, जो जाने पर पीर । जो पर पीर न जानई, सो काफिर बेपीर ॥ Read More Share This: Facebook Twitter Google+ Stumble Digg